दोस्तों नमस्कार ! आज हम अफ्रीका महाद्वीप के बारे में चर्चा करेंगे । इस महाद्वीप को अंध महाद्वीप, भविष्य का महाद्वीप तथा काला महाद्वीप जैसे उप नामों से भी जाना जाता है । यह अपने आप में एक अद्भूत महाद्वीप है…
परिचय
अफ्रीका शब्द की उत्पत्ति 'बरबर' भाषा के 'इफ्री या इफ्रान' शब्द से हुई है । जिसका अर्थ है ‘गुफा’ । आदि मानव के गुफाओं में रहकर जीवन व्यतीत करने के सन्दर्भ में इस महाद्वीप का नाम अफ्रीका पड़ा होगा । कुछ इतिहासकारों द्वारा यह भी माना गया है कि सबसे पहले मानव का उद्भव इसी महाद्वीप में हुआ ।
स्थिति
अफ्रीका महाद्वीप ऐसा महाद्वीप है जो दोनों गोलार्धों में विस्तृत है तथा कर्क, विषुवत एवं मकर रेखाएं इससे होकर गुजरती है । इसके उतर में भूमध्य सागर, पूर्व में एशिया जो मानव निर्मित स्वेज नहर से अलग होता है, दक्षिण में हिन्द महासागर तथा पश्चिम में अटलांटिक महासागर अवस्थित है ।
अफ्रीका महाद्वीप सम्पूर्ण पृथ्वी का 20.4% भाग है, जिसमें सकल विश्व की 16.36% जनसंख्या निवास करती है । अफ्रीका के कुल देशों की संख्या 54 है जिसमें से 6 देश मुख्य भूमि से अलग हैं । ये देश हैं – कॉमरॉन, मॉरिशस, साओटॉम, केप वर्डे, सेशेल्स तथा मेडागास्कर । अफ्रीका महाद्वीप का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा देश अल्जीरिया तथा जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा देश नाईजीरिया है । इसी प्रकार क्षेत्रफल एवं जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा देश सेशेल्स है जिसका क्षेत्रफल लगभग 471 वर्ग किलोमीटर है । सेशेल्स एक द्वीपीय देश है ।
जलवायु
अफ्रीका महाद्वीप विश्व का सबसे गर्म महाद्वीप है । अफ्रीका में विश्व का सबसे बड़ा मरूस्थल ‘सहारा’ है । यह अफ्रीका के एक तिहाई क्षेत्रफल में विस्तृत है सहारा लगभग 94 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में विस्तृत है । अल-अजिजिया नामक स्थान अफ्रीका का सबसे गर्म स्थान है। यह लीबिया में अवस्थित है । अफ्रीका के दक्षिण भाग में कालाहारी मरूस्थल अवस्थित है । जो कि बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका एवं नामिबिया आदि देशों में विस्तृत है । विषुवत रेखीय प्रदेशों में उष्ण कटिबंधीय अति आर्द्र जलवायु पाई है । कांगो के भूमध्य रेखीय क्षेत्र ‘पिग्मी' जनजाति पाई जाती है जो अपने बौने कद के लिए विश्व विख्यात है ।
उच्चावच
अफ्रीका महाद्वीप प्राचीन कठोर चट्टानों से निर्मित, प्राचीन गोंडवानालैंड का भाग है । अफ्रीका महाद्वीप को ऊंचे पठारों का देश भी कहा जाता है । एटलस पर्वत उत्तरी-पश्चिमी अफ्रीका में स्थित एक 2500 किलोमीटर लंबी पर्वत श्रृंखला है । यह मोरक्को, अल्जीरिया तथा ट्यूनीशिया आदि देशों से होकर गुजरती है । इसका सबसे ऊंचा शिखर मोरक्को में ‘ट्यूब काल’ या तूबकाल (4167 मीटर) पर्वत है । तंजानिया में अवस्थित ज्वालामुखी पर्वत ‘किलीमंजारो’ अफ्रीका का सर्वोच्च पर्वत है, यह समुद्र तल से 5895 मीटर ऊंचा है ।
विश्व की सबसे लंबी भ्रंश घाटी (दरार) मृत सागर झील से मलावी झील (मोजांबिक) तक विस्तृत है । इसे ‘महान भ्रंश घाटी' कहा जाता है । इसकी कुल लंबाई 6900 किलोमीटर है ।
नदियां
अफ्रीका में दुनिया की सबसे लंबी नदी ‘नील’ विक्टोरिया झील से निकलती है तथा भूमध्य सागर में गिरती है । नीली नील नदी एवं श्वेत नील नदी इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं । अफ्रीका की अन्य नदियां जाम्बेजी, नाइजर, जायरे (कांगो), ऑरेंज व लिम्पोपो नदी है । कांगो नदी अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी नदी है । यह स्टेनले एवं लिविंग स्टोन जलप्रपात के लिए विश्व विख्यात है । कांगो नदी विषुवत रेखा एवं लिम्पोपो नदी मकर रेखा को दो – दो बार काटती हैं ।
मरूस्थल
विश्व के गर्म मरुस्थलों में से एक, विश्व का सबसे बड़ा मरुस्थल ‘सहारा' अफ्रीका में ही अवस्थित है इस मरुस्थल में ‘बद्दू’ जनजाति का निवास है । इसी प्रकार दक्षिण भाग में कालाहारी मरूस्थल है यहां बुशमैन जनजाति का निवास स्थान है । इस मरुस्थल में शुतुरमुर्ग सबसे अधिक पाए जाते हैं।
जलप्रपात
जाम्बेजी नदी पर अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा पानी का झरना ‘विक्टोरिया’ प्रपात है, यह 355 मीटर ऊंचा एवं 1600 किलोमीटर लम्बा है। अन्य जलप्रपात कांगो नदी पर स्थित स्टेनले एवं लिविंग स्टोन है ।
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