नमस्कार दोस्तों । आज हम दक्षिण भारत की नीलगिरी पहाड़ियों में अवस्थित एक विख्यात पर्यटन स्थल ऊटी के संदर्भ में चर्चा करेंगे ।
ऊटी तमिलनाडु का एक पर्वतीय शहर है । इसका आधिकारिक नाम “उदगमंडलम” है । यह समुद्र तल से लगभग 7440 फ़ीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है । कोयम्बतूर के उत्तर में 86 किलोमीटर तथा मैसूर के दक्षिण में लगभग 128 किलोमीटर की दूरी पर ऊटी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है । दक्षिण भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय है, परन्तु ऊटी ऊंचाई पर अवस्थित होने के कारण यहां बसंत ऋतु जैसा मौसम बना रहता है । जनवरी व फरवरी माह में रात्रि के समय कुछ ठण्डक अधिक होती है अतः गर्म कपड़ों की आवश्यकता होती है । वैसे यहां का औसत तापमान 9° से 20° के मध्य रहता है । यहां का मौसम अंत्यंत मनोरम, शांत व सुहावना होने के कारण अनेकों पर्यटक नीलगिरी की खुबसूरत घाटियों में मौसम का लुत्फ उठाने आते रहते हैं । ऊटी के आसपास भी में अनेक दर्शनीय स्थल हैं । यदि आप कभी ऊटी जाये तो इन सब को जरूर देखें –
1. टॉय ट्रेन रूट : - यह रेलवे मार्ग 1908 ई. में ब्रिटिश शासन काल के दौरान बनाया गया था । अब यह नीलगिरी पर्वतीय रेल व रेलमार्ग विश्व धरोहर स्थल है । यह रेलमार्ग मेट्टुपालयम से प्रारंभ होकर ऊटी शहर तक जाता है । रेलमार्ग की कुल लंबाई 46 किलोमीटर है । यह रेलमार्ग 16 सुरंगों व 258 ब्रिज से होकर गुजरता है । रेलमार्ग पर 13 रेलवे स्टेशन है । एक छोटी सी नीले रंग की रेलगाड़ी जिसमें कोयला ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है लगभग 2240 मीटर तक की ऊंचाई पर चलकर रोमांचकारी सफर करवाती है । इस रेलगाड़ी का इंजन सबसे प्राचीन इंजनों में से एक है । रेलमार्ग में अनेक चाय बागान, झरने, सुंदर घाटियां दर्शनीय है ।
2. ऊटी झील : - नीलगिरी पहाड़ियों के मध्य इस झील का निर्माण 1824 ई. में जॉन सुल्लिवन द्वारा करवाया गया था । यह झील लगभग 65 एकड़ क्षेत्र में विस्तृत थी, परन्तु अब यहां रेसकॉर्स, लेक पार्क व बस स्टैंड इत्यादि बना दिये जाने के कारण आकार में छोटी हो गई है । यहां नौका विहार की सुविधा होने के कारण यह पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है । यहां नौका विहार करते करते हुए इस पर्वतीय क्षेत्र की सुन्दरता का आनन्द लिया जा सकता है । झील के चारों ओर दुकानों से यहां की स्थानीय वस्तुओं को को खरीदा जा सकता है ।
3. बॉटनिकल गार्डन : - इस उद्यान का निर्माण 1847 ई. में विलियम ग्राहम द्वारा तत्कालीन मद्रास गवर्नर जार्ज हेय की देखरेख में करवाया था । यह लगभग 22 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विस्तृत है । उद्यान को 6 मुख्य भागों में विभक्त किया गया है - लोअर गार्डन, न्यू गार्डन, इटैलियन गार्डन, कन्सर्वटॉरी गार्डन, फाउंटेन टेरेस तथा नर्सरी । कन्सर्वटॉरी गार्डन में विलुप्त होती प्रजातियों को संरक्षित किया गया है । यहां की ताज़ा व खुशबुदार हवा, हरा-भरा वातावरण एवं विभिन्न प्रकार के फूल प्रकृति की सुंदरता में चार चांद लगाते है । इस उद्यान का प्रमुख आकर्षण एक जीवाश्म वृक्ष है जो लगभग 20 मिलियन वर्ष पुराना है । इसके अतिरिक्त इस उद्यान के क्षेत्र में स्थानीय ‘टोडा’ जनजाति का निवास भी है । यहां उनकी जीवन शैली व संस्कृति से रूबरू हुआ जा सकता है ।
4. रोज गार्डन: - ऊटी के विजयनगर में स्थित इस रोज गार्डन की स्थापना 1995 ई. में पुष्पोत्सव के दौरान की गई थी। यह उद्यान लगभग चार हैक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत है । यहां पर गुलाब के फूलों की 2000 से अधिक प्रजातियां हैं। यह भारत का सबसे बड़ा गुलाब संग्रहालय है । यह उद्यान ऊटी रेलवे स्टेशन से केवल एक किमी दूरी पर स्थित है ।
5. प्यकारा जलप्रपात : - ऊटी से 20 किलोमीटर दूर देवदार वृक्षों से घिरा प्यकारा जलप्रपात एक शानदार पिकनिक स्पॉट है । प्यकारा जलप्रपात प्यकारा नदी पर है । इस नदी को टोडा जनजाति के लोग बसे पवित्र नदी मानते हैं । यह स्थान फोटोग्राफी के लिए प्रसिद्ध है । यहां चीड़ के पेड़ों के बीच दूर तक सैर की जा सकती है । यहां रेस्तरां व बोट हाउस की सुविधा उपलब्ध है ।
6. डोड्डाबेट्टा चोटी : - ऊटी से लगभग 10 किलोमीटर दूर डोड्डाबेट्टा चोटी अवस्थित है । यह दक्षिण भारत का सबसे ऊंचा स्थान है । इसकी ऊंचाई लगभग 8606 फीट है । इस चोटी पर एक ‘टेलिस्कोप हाउस' है जिसमें दो दूरबीन है । पर्यटक यहां डोड्डाबेट्टा चोटी तथा घाटी के मनोरम दृश्य का दीदार करते ही हैं साथ में यहां की मनमोहक वनस्पति तथा जीव जंतुओं को भी देखते हैं ।
उपरोक्त के अतिरिक्त ऊटी व आसपास के क्षेत्र में कई अन्य स्थल भी है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं जिनमें मुरुगन मंदिर, कामराज सागर, फर्नहिल महल, स्टोन हाउस, गोल्फ क्लब, लेडी केनिंग सीट तथा मुकुर्थी नेशनल पार्क प्रमुख हैं ।
0 Comments
Thank you for being with us.
Emoji