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राजनीतिक विज्ञान क्या है ?


नमस्कार दोस्तों  ! चलिए आज  जानते हैं राजनीतिक विज्ञान के बारे में ... क्या है राजनीतिक विज्ञान ? राजनीतिक विज्ञान में  क्या-क्या पढ़ा जाता है ? 

Bodhshankh

राजनीतिक विज्ञान का जनक माने जाने वाले व्यक्ति अरस्तू (Aristotle) थे,जो एक यूनानी दार्शनिक और प्लेटो के शिष्य थे । अरस्तू एक प्राचीन ग्रीक दार्शनिक थे, जिन्होंने राजनीतिक विज्ञान को एक संगठित और स्वायत्त अध्ययन के रूप में स्थापित किया। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक प्रणालियों का विश्लेषण किया और उनके सिद्धांतों ने राजनीतिक विज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

राजनीतिक विज्ञान का अर्थ

राजनीतिक विज्ञान का अर्थ उन सिद्धांतों, प्रक्रियाओं, और संरचनाओं का अध्ययन करना है जो किसी समाज के राजनीतिक जीवन को संचालित करते हैं। यह अध्ययन करता है कि कैसे सरकारें बनती हैं, कैसे वे कार्य करती हैं, और समाज में सत्ता और संसाधनों का वितरण कैसे होता है।

राजनीतिक विज्ञान की परिभाषा

राजनीतिक विज्ञान वह अध्ययन है जो सरकारों, राजनीतिक प्रक्रियाओं, संस्थाओं, और सत्ता के वितरण के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसमें राजनीतिक विचारधाराओं, नीति निर्माण, और सत्ता के कार्यान्वयन का भी अध्ययन शामिल है।

राजनीतिक विज्ञान की विषयवस्तु

राजनीतिक विज्ञान का क्षेत्र व्यापक और विविध है, जिसमें कई उप-विषय शामिल होते हैं:-

  1. राजनीतिक सिद्धांत (Political Theory):

    • राजनीतिक सिद्धांत विचारधाराओं और अवधारणाओं का अध्ययन करता है, जैसे स्वतंत्रता, समानता, न्याय, और सत्ता। अरस्तू, प्लेटो, थॉमस हॉब्स, जॉन लॉक, और रूसो जैसे विचारकों के सिद्धांत इस क्षेत्र में मुख्य हैं।
    • यह विचार करता है कि विभिन्न राजनीतिक संरचनाएँ और नीतियाँ कैसे विकसित होती हैं और उनका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।
  2. सरकारों का अध्ययन (Comparative Politics):

    • इसमें विभिन्न देशों की राजनीतिक प्रणालियों और संरचनाओं की तुलना की जाती है।
    • विभिन्न सरकारों, उनके कार्यों और उनकी प्रभावशीलता का अध्ययन किया जाता है।
  3. अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Relations):

    • अंतर्राष्ट्रीय संबंध देशों के बीच के संबंधों, संघर्षों, और सहयोग का अध्ययन करता है।
    • इसमें वैश्विक संगठन, अंतर्राष्ट्रीय कानून, कूटनीति, और युद्ध के कारणों का विश्लेषण शामिल है।
  4. सार्वजनिक नीति और प्रशासन (Public Policy and Administration):

    • इसमें सरकारों द्वारा बनाई गई नीतियों का अध्ययन और उनका कार्यान्वयन शामिल है।
    • यह जानने की कोशिश करता है कि नीतियाँ कैसे बनती हैं और उनका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।
  5. संवैधानिक कानून (Constitutional Law):

    • इसमें संविधान और संवैधानिक व्यवस्था का अध्ययन किया जाता है।
    • यह समझने की कोशिश की जाती है कि कैसे संविधान समाज में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में मदद करता है।
  6. राजनीतिक समाजशास्त्र (Political Sociology):

    • राजनीतिक समाजशास्त्र समाज और राजनीति के बीच के संबंधों का अध्ययन करता है।
    • इसमें राजनीतिक संस्कृति, विचारधारा, और सत्ता के समाजशास्त्रीय पहलुओं का विश्लेषण शामिल है।
  7. मतदान और चुनावी अध्ययन (Electoral Studies):

    • इसमें चुनाव प्रक्रिया, मतदाताओं के व्यवहार, और चुनावी प्रणाली का विश्लेषण किया जाता है।
    • यह अध्ययन करता है कि कैसे विभिन्न कारक चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं।

राजनीतिक विज्ञान की प्रकृति

राजनीतिक विज्ञान की प्रकृति को समझने के लिए, इसे एक संगठित और वैज्ञानिक अध्ययन के रूप में देखा जा सकता है, जो सत्ता, शासन, और राजनीतिक प्रक्रियाओं की जांच करता है। राजनीतिक विज्ञान की प्रकृति के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है:-

1. समाजशास्त्रीय प्रकृति (Sociological Nature):

  • राजनीतिक विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है जो समाज और राज्य के बीच के संबंधों का अध्ययन करता है।
  • यह समझने का प्रयास करता है कि विभिन्न सामाजिक समूहों, जैसे कि जाति, वर्ग, धर्म, और लिंग, का राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है और ये समूह राजनीतिक प्रक्रियाओं में कैसे शामिल होते हैं।

2. वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific Approach):

  • राजनीतिक विज्ञान में समस्याओं का विश्लेषण करने के लिए वैज्ञानिक विधियों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि डेटा संग्रह, आंकड़ों का विश्लेषण, और निष्कर्ष निकालना।
  • यद्यपि यह समाजशास्त्रीय पहलुओं से जुड़ा है, फिर भी यह तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित विश्लेषण करता है, जिससे राजनीतिक घटनाओं को समझा जा सके।

3. मानविकी दृष्टिकोण (Humanistic Approach):

  • राजनीतिक विज्ञान मानविकी दृष्टिकोण भी अपनाता है, जिसमें नैतिकता, मूल्य, और न्याय की अवधारणाएँ शामिल होती हैं।
  • यह अध्ययन करता है कि किसी समाज में न्याय, स्वतंत्रता, और समानता को कैसे प्राप्त किया जा सकता है और कौन से नैतिक सिद्धांत राजनीतिक निर्णयों का मार्गदर्शन करते हैं।

4. प्रकृति में बहुआयामी (Multidimensional Nature):

  • राजनीतिक विज्ञान की प्रकृति बहुआयामी है, जिसमें यह विभिन्न विषयों जैसे कि इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, कानून, और दर्शनशास्त्र के साथ संबंध रखता है।
  • इस विषय के अध्ययन में अन्य सामाजिक विज्ञानों के विचार और सिद्धांतों का उपयोग किया जाता है।

5. नियमों और संस्थानों का अध्ययन (Study of Rules and Institutions):

  • राजनीतिक विज्ञान सरकारों, संविधान, और राजनीतिक संस्थानों के कामकाज का गहन अध्ययन करता है।
  • इसमें यह समझने का प्रयास किया जाता है कि कैसे विभिन्न संस्थान सत्ता का वितरण करते हैं और समाज में शासन की प्रक्रिया को संचालित करते हैं।

6. मूल्य-तटस्थता (Value-Neutrality):

  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बावजूद, राजनीतिक विज्ञान में मूल्य-तटस्थता की अवधारणा मौजूद होती है, यानी अध्ययनकर्ता के निजी मूल्य या विचारधारा को अध्ययन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
  • यद्यपि राजनीति में व्यक्तिगत मान्यताएँ और भावनाएँ महत्वपूर्ण होती हैं, राजनीतिक विज्ञान का उद्देश्य निष्पक्ष और तटस्थ विश्लेषण करना है।

7. विकासशील प्रकृति (Evolving Nature):

  • राजनीतिक विज्ञान की प्रकृति समय के साथ विकसित होती रहती है। नई घटनाएँ, विचारधाराएँ, और वैश्विक परिदृश्य राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन को प्रभावित करते हैं।
  • जैसे-जैसे समाज और राजनीति में बदलाव आते हैं, राजनीतिक विज्ञान के सिद्धांत और अध्ययन के क्षेत्र भी विकसित होते हैं।

8. व्यावहारिक प्रकृति (Practical Nature):

  • राजनीतिक विज्ञान केवल सैद्धांतिक नहीं है, बल्कि इसमें व्यावहारिक पक्ष भी शामिल हैं, जैसे कि नीति निर्माण, प्रशासनिक प्रक्रियाएँ, और चुनावी राजनीति।
  • यह विषय केवल विचारधाराओं और सिद्धांतों का अध्ययन नहीं करता, बल्कि उनके वास्तविक जीवन में अनुप्रयोग का भी विश्लेषण करता है।

9. प्रभावित और प्रभावित होने वाली प्रकृति (Interactive Nature):

  • राजनीतिक विज्ञान अन्य सामाजिक और प्राकृतिक विज्ञानों के साथ इंटरैक्टिव है। यह सामाजिक परिवर्तनों से प्रभावित होता है और उन पर भी प्रभाव डालता है।

  • उदाहरण के लिए, आर्थिक स्थितियों, सांस्कृतिक परिवर्तनों, और तकनीकी प्रगति का राजनीति पर प्रभाव पड़ता है और राजनीति भी इन पहलुओं को प्रभावित करती है।

सारांश

राजनीतिक विज्ञान एक बहुआयामी अध्ययन है, जो समाज में सत्ता, शासन, और राजनीतिक प्रक्रियाओं का गहन विश्लेषण करता है। अरस्तू के योगदान ने इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण शैक्षिक विषय के रूप में स्थापित किया, जो आज भी राजनीति और समाज के अध्ययन में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

राजनीतिक विज्ञान की प्रकृति जटिल और व्यापक है। यह एक समाजशास्त्रीय, वैज्ञानिक, और मानविकी दृष्टिकोण अपनाता है, जो समाज के विभिन्न पहलुओं का गहन विश्लेषण करता है। इसकी बहुआयामी और विकसित होती प्रकृति इसे एक महत्वपूर्ण शैक्षिक और व्यावहारिक विषय बनाती है। राजनीतिक विज्ञान केवल सत्ता और शासन का अध्ययन नहीं है, बल्कि यह समाज में न्याय, समानता, और स्वतंत्रता को प्राप्त करने के साधनों का भी अध्ययन करता है।

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