Ad Code

* Bodhshankh EduMart and Study Point *

भौतिक भूगोल : क्या है ?

भूगोल विषय की प्रमुख शाखा भौतिक भूगोल है। विद्वान् फिलिप के अनुसार “भूगोल एक वृक्ष है जिसकी जड़ें भौतिक भूगोल की मिट्टी में स्थित है तथा इसकी शाखाएं मानवीय क्रियाकलापों के प्रत्येक पक्ष का अध्ययन करता है। भूगोल की इस शाखा के जनक ‘पोलीडोनियस’ हैं । भौतिक भूगोल पृथ्वी के भौतिक स्वरूप का अध्ययन करता है। दूसरे शब्दों में भौतिक भूगोल के अंतर्गत पृथ्वी पर मौजूद भौतिक स्वरूपों का अध्ययन करते हैं, भौतिक स्वरूप से तात्पर्य पर्वत, पठार, समतल भूमि, वन इत्यादि है। इनका ही अध्ययन हम भौतिक भूगोल में करते हैं। यह पृथ्वी के धरातल पर विभिन्न स्थानों पर पाई जाने वाली भौतिक परिवर्तनों के  वितरण का अध्ययन एवं व्याख्या करता है।

www.bodhshankh.blogspot.com

परिभाषाएं

ए. के. लॉबेक के अनुसार - ' भौतिक वातावरण एवं जीवन के अंतर्संबंधों का अध्ययन भौतिक भूगोल है ।‘

एच. आर. केन के मतानुसार – ‘भौतिक वातावरण का अध्ययन ही भौतिक भूगोल है ।‘

पियरे बाइरॉट के अनुसार – ‘मानव सभ्यता से अप्रभावित पृथ्वी के दृश्य प्राकृतिक धरातल का अध्ययन भौतिक भूगोल है ।हैमण्ड व हॉर्न के अनुसार – ‘भौतिक भूगोल प्राकृतिक घटनाओं के अध्ययन से सम्बंधित है ।‘

आर्थर होम्स ने भौतिक भूगोल को इस तरह स्पष्ट किया – “ भौतिक पर्यावरण का अध्ययन ही भौतिक भूगोल हैजो ग्लोब के धरातलीय उच्चावच ( भू आकृतिक विज्ञान ) सागरमहासागरों ( समुद्र विज्ञान ) तथा वायु ( जलवायु विज्ञान ) के विवरणों का अध्ययन करता है ।“

उपरोक्त परिभाषाओं के निष्कर्ष से यह कहा जा सकता है कि भौतिक एवं जैविक वातावरण के वितरण प्रारूपों तथा अंतर्संबंधों का तार्किक विश्लेषणात्मक अध्ययन ही भौतिक भूगोल है । जिसमें भौतिक एवं जैविक वातावरण के विभिन्न तत्वों तथा उनकी अन्तर्किया को ‘भूतल’ भौतिक भूगोल में आधार प्रदान करता है ।

प्रकृति एवं अध्ययन क्षेत्र

भौतिक भूगोल के अध्ययन का केन्द्र बिन्दु ‘भूतल’ है। भूगोल की किसी भी शाखा के अध्ययन से पहले भौतिक भूगोल का अध्ययन आवश्यक है । भौतिक वातावरण मनुष्य के प्रत्येक क्रियाकलाप पृथ्वी के समस्त घटकों से प्रभावित हैं । वायुजल, एवं स्थल तीनों घटकों में भौतिक तत्वों का समावेश है तथा तीनों अंतर्संबंधित है । तीनों घटकों के अंतर्संबंधित होने से ही जैवमंडल का विकास होता है । भौतिक भूगोल परिवर्तनशील भौतिक वातावरण के साथ उसकी परिवर्तनशीलता का भी अध्ययन करता है । भौतिक भूगोल निम्न चार प्रमुख अंगों का अध्ययन करता है । ये अंग है – स्थलमंडल, जलमण्डलवायुमंडल तथा जैव मंडल ।

स्थलमंडल

पृथ्वी के धरातल पर समस्त भू-दृश्य, स्थलखंड एवं उनके विभिन्न स्वरूपों, अवस्थाओं एवं प्रक्रियाओं का अध्ययन करना । पृथ्वी का आन्तरिक भाग जहां तक हम इसका उपयोग करते हैं वह इसमें सम्मिलित है । समस्त भू-दृश्य, पर्वतपठारमैदान, नदीघाटी आदि सभी का वैज्ञानिक एवं तर्कपूर्ण ढंग से अध्ययन एवं व्याख्या भू आकृति विज्ञान में किया जाता है ।

www.bodhshankh.blogspot.com

जलमण्डल

जलमण्डल में सागरों एवं महासागरों की उत्पत्ति एवं वितरणसमुद्री नितल, जल के भौतिक एवं रासायनिक गुण एवं संरचनाजल संचार,, महासागरीय निक्षेपमहासागरों में तापमानलवणताघनत्वज्वार-भाटाप्रवाल भित्तिलहरेंधाराऐं आदि का अध्ययन होता है ।

वायुमंडल

पृथ्वी को चारों ओर से वायु का आवरण घेरे हुए है । यह समस्त जीव जंतुओं एवं पौधों के जीवन का आधार है । जलवायु विज्ञान वायुमंडलीय दशाओं और सम्बंधित जलवायविक और मौसमी परिघटनाओं का अध्ययन है। इसके अन्तर्गत वायुमंडलीय संघटन, जलवायविक प्रदेशों तथा मौसमों आदि का अध्ययन शामिल है।

जैवमंडल

यह स्थान की जैविक घटनाओं के अध्ययन से सम्बंधित है, विशेष तौर पर विविध प्रकार की वनस्पतियों और वन्य जीवों के वितरणों का अध्ययन करता है। जैव भूगोल को पादप या वनस्पति भूगोल; जन्तु भूगोल और मानव पारिस्थितिकी के रूप में उपविभाजित किया जा सकता है।

 वर्तमान में भौतिक भूगोल की शाखाएं

वर्तमान में भौतिक भूगोल का अध्ययन क्षेत्र अंत्यंत व्यापक है । वर्तमान में भौतिक भूगोल की कई शाखाएं हैं - भू आकृति विज्ञान, भू गणित, भू भौतिकी, मृदा विज्ञान, खगोलीय विज्ञान, पर्यावरण या पारिस्थितिकी भूगोल, चिकित्सा भूगोल, जलवायु विज्ञान, जल विज्ञान, समुद्र विज्ञान, हिमनद विज्ञान, जैव विज्ञान तथा मानचित्र कला ।

Post a Comment

0 Comments

Close Menu