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नव निश्चयवाद (Neo-Determinism)

नव निश्चयवाद को "संभाव्यता" (Possibilism) के नाम से भी जाना जाता है। यह भौगोलिक विचारधारा 20वीं सदी में विकसित हुई, जो पर्यावरणीय निश्चयवाद (Environmental Determinism) और पर्यावरणीय संभाव्यवाद (Environmental Possibilism) के बीच एक मध्य मार्ग अपनाती है।

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नव निश्चयवाद एक भूगोलिक सिद्धांत है जो यह मानता है कि पर्यावरण मानव क्रियाओं पर सीमाएं लगाता है, लेकिन यह भी स्वीकार करता है कि मनुष्य के पास उन सीमाओं के भीतर कार्य करने की स्वतंत्रता होती है। इसे "संभाव्यता" (Possibilism) भी कहा जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार, मनुष्य पर्यावरण द्वारा लगाए गए बंधनों के अंदर अपनी गतिविधियों को संचालित करता है और पर्यावरणीय बाधाओं को पार करने के लिए नए तरीके खोज सकता है।

प्रतिपादक:

नव निश्चयवाद के मुख्य प्रतिपादक ऑस्ट्रेलियाई भूगोलवेत्ता थॉमस ग्रिफिथ टेलर (Thomas Griffith Taylor) थे। उन्होंने इस सिद्धांत को विकसित किया, जिसे उन्होंने "स्टॉप एंड गो डिटर्मिनिज्म" (Stop-and-Go Determinism) के रूप में भी वर्णित किया। उनके अनुसार, पर्यावरणीय कारक मानव क्रियाओं को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन मानव उन परिस्थितियों के भीतर विकास और प्रगति के लिए स्वतंत्र होते हैं।

नव निश्चयवाद के अन्य समर्थक

नव निश्चयवाद (Neo-Determinism) के प्रमुख समर्थक और प्रतिपादक थॉमस ग्रिफिथ टेलर (Thomas Griffith Taylor) थे। हालांकि नव निश्चयवाद सीधे तौर पर टेलर से जुड़ा है, लेकिन इसके विचारों से प्रभावित कुछ अन्य भूगोलवेत्ताओं के नाम भी लिए जा सकते हैं जो मानव-पर्यावरण संबंधों के संतुलित दृष्टिकोण को स्वीकारते थे। इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं:

  1. Paul Vidal de la Blache: फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता जिन्होंने संभाव्यवाद (Possibilism) की अवधारणा प्रस्तुत की, जो नव निश्चयवाद से कुछ हद तक मेल खाती है। उनका मानना था कि मनुष्य पर्यावरण की सीमाओं के भीतर कई विकल्पों में से चुन सकता है।

  2. Carl O. Sauer: एक अमेरिकी भूगोलवेत्ता, जिन्होंने सांस्कृतिक भूगोल में पर्यावरण के प्रभाव पर विचार किया। उनके विचारों में भी मानव और पर्यावरण के बीच संबंधों का संतुलित दृष्टिकोण दिखता है।

  3. Jean Brunhes: एक और फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता, जिन्होंने मानव भूगोल में पर्यावरणीय सीमाओं के साथ मानव स्वतंत्रता के विचार को समर्थन दिया।

ये विद्वान नव निश्चयवाद के प्रत्यक्ष समर्थक नहीं थे, लेकिन उनके विचार नव निश्चयवाद के सिद्धांतों के साथ कुछ समानताएं रखते हैं। नव निश्चयवाद के सीधे समर्थक के रूप में मुख्यतः टेलर का नाम ही प्रमुखता से आता है।

ग्रिफिथ टेलर और उनके विचार

1. जीवन और कार्य

थॉमस ग्रिफिथ टेलर (1880-1963) एक ऑस्ट्रेलियाई भूगोलवेत्ता और मानवविज्ञानी थे। उन्होंने भूगोल में पर्यावरणीय निश्चयवाद और संभाव्यवाद के विचारों को एक साथ जोड़ते हुए नव निश्चयवाद की अवधारणा प्रस्तुत की। टेलर ने यह तर्क दिया कि मनुष्य के पास पर्यावरण के भीतर कार्य करने की स्वतंत्रता है, लेकिन यह स्वतंत्रता सीमित होती है, जिसे उन्होंने "नव निश्चयवाद" या "स्टॉप एंड गो डिटर्मिनिज्म" के नाम से समझाया।

2. स्टॉप एंड गो डिटर्मिनिज्म

टेलर ने अपने सिद्धांत को "स्टॉप एंड गो डिटर्मिनिज्म" के रूप में व्याख्यायित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पर्यावरण कुछ हद तक मानव क्रियाओं को नियंत्रित करता है (जैसे ट्रैफिक लाइट के लाल और हरे संकेत)। इसका मतलब यह है कि मानव विकास और गतिविधियाँ पूरी तरह से पर्यावरण द्वारा नियंत्रित नहीं होतीं, लेकिन पर्यावरण एक सीमा निर्धारित करता है जिसके भीतर मानव कार्य कर सकता है।

3. विचारों का मुख्य सार

- पर्यावरणीय परिस्थितियाँ मानवीय गतिविधियों को दिशा देती हैं, लेकिन पूरी तरह से नियंत्रित नहीं करतीं।

- मनुष्य पर्यावरण की बाधाओं के बावजूद विकास के नए रास्ते खोज सकता है।

- नव निश्चयवाद का दृष्टिकोण एक संतुलित दृष्टिकोण है, जो न तो पर्यावरणीय निश्चयवाद के अतिवादी दृष्टिकोण को मानता है और न ही संभाव्यवाद की पूरी स्वतंत्रता को।

4. भूगोल में योगदान

टेलर के नव निश्चयवाद ने भूगोल में मानव-पर्यावरण संबंधों के अध्ययन में एक नई दिशा प्रदान की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पर्यावरण और मानव गतिविधियों के बीच एक जटिल संबंध होता है, जिसे समझने के लिए संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष

ग्रिफिथ टेलर के नव निश्चयवाद ने भूगोल में मानव-पर्यावरण संबंधों को समझने के लिए एक संतुलित और यथार्थवादी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। यह सिद्धांत आज भी पर्यावरण और मानव गतिविधियों के बीच जटिल संबंधों को समझने के लिए प्रासंगिक है।

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