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महाद्वीप : एशिया (भाग - 1)

महाद्वीप को परिभाषित करने के सन्दर्भ  में विद्वानों में मतभेद हैं, परंतु विशाल क्षेत्रफल एवं चारों ओर की सीमाएं स्पष्ट होने की समानता है । इस प्रकार विशाल क्षेत्रफल वाले भूखण्ड जिनके चारों ओर जल हो, महाद्वीप कहलाते हैं । दूसरे शब्दों में पृथ्वी का वह विशाल क्षेत्रफल वाला बाह्य भाग, जहां स्थल ही स्थल हो और वह जलीय क्षेत्र से भिन्न हो महाद्वीप कहलाता है । सम्पूर्ण पृथ्वी को सात महाद्वीपों में विभक्त कर अध्ययन किया जाता है । ये महाद्वीप है - एशिया, अफ्रीका, उतरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, युरोप, आस्ट्रेलिया महाद्वीप ।


विश्व के अध्ययन हेतु सामान्य ज्ञान होना आवश्यक अतः सर्व प्रथम महाद्वीपों के संदर्भ में व्यवस्थित भौगोलिक जानकारी प्राप्त  करेंगे । इस कड़ी में प्रस्तुत है एशिया महाद्वीप का भाग - 1

         महाद्वीप : एशिया  (भाग - 1)

bodhshankh
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हिब्रू/एरिशियन भाषा के 'आसू' शब्द से 'एशिया' शब्द बना है । जिसका अर्थ है - उदित सूर्य । एशिया महाद्वीप को 'महाद्वीपों का महाद्वीप', 'नदियों की सभ्यताओं का पालना', 'सभी धर्मों की आध - भूमि', 'पक्षियों का देश' तथा 'भूत व भविष्य का महाद्वीप' आदि नामों से जाना जाता है । सभी धर्मों का जन्म स्थान, अधिकतर सभ्यताएं एशिया की नदियों के किनारे उत्पन्न हुई हैं। यह एकमात्र महाद्वीप है जिसके दो अन्य महाद्वीपों की सीमा लगती है ।

एशिया का राजनैतिक विभाजन -

1. साइबेरिया/उत्तरी एशिया :- एशिया महाद्वीप के उत्तर में आर्कटिक महासागर पूर्व में प्रशांत महासागर एवं पश्चिम में यूरोप महाद्वीप हैं । उत्तरी एशिया को साइबेरिया के नाम से जाना जाता है । यह ठंडा व बर्फीला क्षेत्र है । पश्चिम में यूराल पर्वतमाला (काकेशस पर्वत श्रेणी)/ यूराल नदी एशिया को यूरोप से अलग करती है । पूर्व में एशिया व उत्तरी अमेरिका 'बेरिंग जल संधि' से अलग है । उत्तरी एशिया के अंतर्गत रूस का क्षेत्र सम्मिलित है ।  उत्तरी एशिया या साइबेरिया को भविष्य का भंडार गृह भी कहा जाता है ।

2. मध्य एशिया :- तजाकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान तथा उज़्बेकिस्तान आदि देश 'मध्य एशिया' के अंतर्गत आते हैं ।  कजाकिस्तान संपूर्ण विश्व में यूरेनियम उत्पादन में प्रथम स्थान पर है । कजाकिस्तान सबसे बड़ा स्थलरुद्ध/स्थलबद्ध देश है । (ऐसा देश जिसकी सीमा समुद्र को नहीं छूती ।)

3. दक्षिणी एशिया :- भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, मालदीव व श्रीलंका 'दक्षिणी एशियाई' क्षेत्रों में शामिल है । ये सभी देश 'दक्षिणी एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन'( सार्क ) के सदस्य हैं  । सार्क की स्थापना 1985 ई. में हुई ; जिसका मुख्यालय काठमांडू (नेपाल) में है ।  इनमें भारत केंद्रीय स्थिति में अवस्थित है ।

4. दक्षिणी पश्चिमी एशिया  :- इसके अंतर्गत साइप्रस, सीरिया, तुर्की, इराक, इरान, लेबनान, इजराइल, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, यमन तथा कुवैत प्रमुख देश हैं ।  इनमें लगभग सभी राष्ट्रों की भाषा अरबी व धर्म मुस्लिम है । इन देशों में पेट्रोलियम भंडार व उत्पादन सर्वाधिक है ।  इराक के कुछ क्षेत्रों में कृषि कार्य होता है । इन सभी राष्ट्रों में सऊदी अरब सबसे बड़ा राष्ट्र है ।


5. दक्षिणी पूर्वी एशिया :- म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रूनेई, फिलिपिंस तथा इंडोनेशिया 'दक्षिण पूर्व एशिया' के प्रमुख देश हैं  । इंडोनेशिया के पास 17000 द्वीपों का समूह है । जो विश्व का सबसे बड़ा द्वीप समूह है । इन्हीं द्वीपों में सबसे बड़ा द्वीप 'वोरनियो' (कालीमंथन) है, जिस पर 3 देशों इंडोनेशिया, ब्रूनेई तथा मलेशिया के अधिकार क्षेत्र हैं । एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप ब्रुनेई है ।

6. पूर्वी एशिया :-  पूर्वी एशिया के अंतर्गत चीन, जापान, उत्तरी कोरिया, दक्षिण कोरिया तथा ताइवान आदि देश आते हैं । क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश चीन; जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा देश है  । जापान सर्वाधिक प्राकृतिक आपदाओं वाला राष्ट्र है  । जापान के पास 1700 द्वीपीय क्षेत्र हैं । जिनमें चार ताइवान, हांगकांग, मकाउ तथा लिस्बन पर चीन अपना अधिकार जताता है ।

                               इस प्रकार एशिया महाद्वीप में कुल देशों की संख्या 50 है । यदि तिब्बत, हांगकांग, ताइवान, मकाउ तथा लिस्बन को संप्रभु राष्ट्र मान लिया जाए तो एशिया के कुल देशों की संख्या 55 है ।

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